ताल तलैया बाग बगीचे,
पोखर खेत खलिहान हैं
कहीं सुनाता मंत्र और घंटी,
और कहीं अजान है
शहद से मीठी बोली सबकी,
कहीं ऐसा स्वभाव न होगा
मेरे गांव जितना सुंदर कोई गांव न होगा
मिलना जुलना प्यार से रहना, #deveshnandsingh#devaquoteshindi#apekibaat#deveshshayari