दिलों में आग लबों पर गुलाब़ रखतें हैं हम अब भी आँख में तेरा ही ख्वाब रखतें हैं नमस्कार लेखकों🌺 Collab करें हमारे इस #RzPoWriMoH20 के साथ और "दिलों में आग लबों पर गुलाब रखते हैं" पर कविता लिखें। (मूल कविता राहत इंदौरी द्वारा) • समय सीमा : 24 घंटे • कैपशन में संक्षिप्त विस्तारण करने की अनुमति है।