वो वक़्त भी कितना सुहाना था, ख़ुशियों से भरा जमाना था, हम दुःख में भी मुस्कुराते थे, एक-दूसरे को दिन भर बस सताते थे, चोट लगे तो रो देते थे, दोस्त दिखे तो पल भर में आँसू खो देते थे, वक़्त का पहिया चलता रहा, ना जाने कब फूलों से भरा छीन गया उपवन.... पैसों से सब नहीं मिलता यहाँ , अगर हो सकता तो वापिस ले आती मैं मेरा बचपन। I miss my childhood❤❤ #Missing #my #Childhood #Memories