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रोज एक ही रास्ते से गुजरते थे हम जैसे खुद को घर पर

रोज एक ही रास्ते से गुजरते थे हम
जैसे खुद को घर पर छोड़ के
खुद से मिलने जाते थे हम,
रास्ते भर कितना कुछ सोचते थे हम
कभी जिंदगी की बातें करते उससे
कभी गुनगुनाते चले जाते हम,
बस वो रास्ता ही जानता की
एक एक रत्ती रोज बदलते हम,
और आजकल एक ही जगह
खुद की अलग-अलग शख्सियत को
जगह देने की कोशिश करते हम,
बदल तो आज भी रहे हैं हम
पर कितना बदले है वह भांपने के लिए
उस रास्ते की राह तक रहे हैं हम। 🧡📙📙🧡
#life #pandemic #workfromhome #lockdown #emotions #beinghuman #hindipoems #grishmapoems
रोज एक ही रास्ते से गुजरते थे हम
जैसे खुद को घर पर छोड़ के
खुद से मिलने जाते थे हम,
रास्ते भर कितना कुछ सोचते थे हम
कभी जिंदगी की बातें करते उससे
कभी गुनगुनाते चले जाते हम,
बस वो रास्ता ही जानता की
एक एक रत्ती रोज बदलते हम,
और आजकल एक ही जगह
खुद की अलग-अलग शख्सियत को
जगह देने की कोशिश करते हम,
बदल तो आज भी रहे हैं हम
पर कितना बदले है वह भांपने के लिए
उस रास्ते की राह तक रहे हैं हम। 🧡📙📙🧡
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