मन की पीड़ा इतनी ज्वलंत इतनी तीव्र हर क्षण जैसे विरह की अनन्त अग्नि जल रही है 'मै" कहीं भीतर ही भीतर इस अग्नि में भस्म होती जा रही हूँ #ज्वलंतपीड़ा #NojotoHindi #Nojoto