लोग बकते है मेरी हंसी जिंदगी के किस्से, रेत का दरिया कहानी मेरी, गागर कि ख्वाहिश में किस्से करूं, बस इतने से सवाल मेरे रव्वा, जबाब कि गुंजाइश में किस्से करुं, लिखाई भूल गई मेरी कलम , सुख दुःख कि बात में किस्से करुं, जवानी को रुला गई मोहब्बत, तसल्ली मे अब किस बात कि करूं, छोड़ दे मुझे मेरे हाल पर मालिक, बता मेरे ही रब कि शिकायत में किस्से करुं, तेरे ना होने का अहसास बडा रूलाता है, अब यादों कि शिकायत में किस्से करूं, बस इतने से सवाल मेरे रब्बा, जबाब कि गुंजाइश में किस्से करूं, किसी ने कहा मुझसे तेरी गजलो ने उनकी मोहब्बत लौटा दी, तू बहरा है क्या ये बात में किस्से कहूं, बस इतने से सवाल मेरे रब्बा, जबाब कि गुंजाइश में किस्से करुं, ©Garima Thakur #किस्से_मोहब्बत_के #Shades