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भारत के संविधान ने देश की आधी आबादी यानी महिलाओं क

भारत के संविधान ने देश की आधी आबादी यानी महिलाओं को स्वतंत्रता एवं समानता का अधिकार अनुच्छेद 14 और 19 के तहत दिया है इसमें आज समाज में महिलाओं की स्थिति काफी हद तक सुधर ही हुई है परंतु अपेक्षा सुधारों की गति धीमी रही है वर्तमान में देश में महिलाओं के समक्ष कई चुनौतियां हैं अधिकांश धार्मिक मान्यता और प्रथम है उनकी स्वतंत्रता एवं समानता का विरोध रही है चाहे हिंदू धर्म हो जा सब मुस्लिम धर्म दोनों ही धर्म में पुरुष प्रधान सोच से ग्रस्त मानवीय हावी रही है जिससे निश्चित रूप से महिलाओं की प्रगति बाधित हुई है आज के समय में पर्दा प्रथा घूंघट बुर्का नकाब आदि की अनिवार्यता दोनों धर्म की महिलाओं को घर की चारदीवारी तक सीमित रखने वाली मानसिकता का ही परिणाम है हालांकि हिंदू धर्म में स्वयं शिक्षित महिला और शिक्षित पुरुष धार्मिक सुधारों की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं इसलिए पर्दा प्रथा घूंघट अन्य नेताओं की बड़ी तेजी से अनमूलन हो रहा है हिंदू परिवारों की दिशा में तेजी से बढ़ रही है उनकी मुस्लिम ईजी भी राजनीति और शिक्षकों को छोड़कर और धार्मिक नेता के रूप में स्वीकार कर रहे हैं भारतीय संविधान में धर्मनिरपेक्ष के रूप में स्वीकार किया गया इसी के अनुरूप संविधान का अनुच्छेद 25 भारत के सभी धर्मावलंबियों को धार्मिक अधिकार देता है भारत के सभी नागरिक किसी भी धर्म को मानने आचरण करने पर प्रचार करने के लिए स्वतंत्र है परंतु यह अधिकार सीमाओं से परे नहीं है

©Ek villain #लैंगिक समानता का सपना

#selflove
भारत के संविधान ने देश की आधी आबादी यानी महिलाओं को स्वतंत्रता एवं समानता का अधिकार अनुच्छेद 14 और 19 के तहत दिया है इसमें आज समाज में महिलाओं की स्थिति काफी हद तक सुधर ही हुई है परंतु अपेक्षा सुधारों की गति धीमी रही है वर्तमान में देश में महिलाओं के समक्ष कई चुनौतियां हैं अधिकांश धार्मिक मान्यता और प्रथम है उनकी स्वतंत्रता एवं समानता का विरोध रही है चाहे हिंदू धर्म हो जा सब मुस्लिम धर्म दोनों ही धर्म में पुरुष प्रधान सोच से ग्रस्त मानवीय हावी रही है जिससे निश्चित रूप से महिलाओं की प्रगति बाधित हुई है आज के समय में पर्दा प्रथा घूंघट बुर्का नकाब आदि की अनिवार्यता दोनों धर्म की महिलाओं को घर की चारदीवारी तक सीमित रखने वाली मानसिकता का ही परिणाम है हालांकि हिंदू धर्म में स्वयं शिक्षित महिला और शिक्षित पुरुष धार्मिक सुधारों की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं इसलिए पर्दा प्रथा घूंघट अन्य नेताओं की बड़ी तेजी से अनमूलन हो रहा है हिंदू परिवारों की दिशा में तेजी से बढ़ रही है उनकी मुस्लिम ईजी भी राजनीति और शिक्षकों को छोड़कर और धार्मिक नेता के रूप में स्वीकार कर रहे हैं भारतीय संविधान में धर्मनिरपेक्ष के रूप में स्वीकार किया गया इसी के अनुरूप संविधान का अनुच्छेद 25 भारत के सभी धर्मावलंबियों को धार्मिक अधिकार देता है भारत के सभी नागरिक किसी भी धर्म को मानने आचरण करने पर प्रचार करने के लिए स्वतंत्र है परंतु यह अधिकार सीमाओं से परे नहीं है

©Ek villain #लैंगिक समानता का सपना

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