#OpenPoetry ऐ ज़िन्दगी..... कितने दूर आ गए है ना हम कि, अपने हमें बेगाना समझने लगे है, पर कैसे समझाए उन्हें कि, मेरे इन हालातो ने ही ऐसा करने को मजबूर किया है, सच कहु तो , जितना वो तड़प रहे है मेरे लिए, उससे कही ज्यादा तड़प मेरे अंदर भी है, पर हिम्मत नही हारा हु मैं, उनके सपने को पूरा करने में जिसने अपनी हर घड़ी और लम्हें को मेरे नाम किया है। Kumar Amit #OpenPoetry ऐ ज़िन्दगी..... #nojoto.com#mere#spane#yade#quotes#AK