सावन का महीना,जाने कैसा भाग जगाए, पेड़ों पर डोले झूले,कूहू बाग लगाए । बैरी पवन दिल में, प्रीत का राग जगाए, नटखट बूँदों की बौछार,मन में आग लगाए । स्वप्न,मेरे मन के समंदर में, गोते खाए, पिया के बिरहन में, ना सावन बीत जाए । संदेशा दिल का,कोई तो,पिया तक ले जाए, बिन उनके अब तो,एक ऋंगार भी न भाए । शिवा अधूरा #sawan_slecial#bairi_sawan#nojotoindia#nojotohindi