भोर हुई, कलुष रात्रि गई, निशांत का आगमन हुआ है। नई उमंग है सहर लाई, व्योम के कपोल लाल हैं, दिनकर ने रौशनी, सब ओर है फैलाई। चिड़ियों की मधुर धुन, से पेड़ो ने शाखें हैं हिलाई। मेघ ने भी सूर्य को ढक, बूंदें हैं बरसाईं। फागुन का महीना है, हर ओर, तितलियाँ हैं मंडराईं। फूलों में बैठी ओस को, हवा ने है छलकाई। प्रकृति की गोद में, कुछ यूँ उठा, लेकर मैं अंगड़ाई। #yqbaba #sahitya #hindipoetry #goodmorning #poem #yqhindi #yqtales Madhu Jhunjhunwala Rakesh Chawla meenakshi rohatgi Saleem Akhter