चलते जाना है बिना रुके, पहुँचना है जहाँ ठिकाना है सब्र का दामन है थामे रखना, बेसब्रों को समझे सब दीवाना हैं ये पल यूँ ना गुज़र जाएँ, वक़्त का कहाँ मिलता कोई ठिकाना है सब रह जाएगा यहीं पर, जीवन इक खूबसूरत फ़साना है लिखो अपनी कहानी तुम ख़ुद ही, दूसरों ने कहाँ तुम्हारा दर्द जाना है जी लो ज़िंदगी खुल कर, हँसतों के संग ही ज़माना है।। 🤝लेखन संगी🤝 //मुसाफ़िर// "अहम का पैबंद यूँ सिल जाना है, आख़िरी में मिट्टी में मिल जाना है, चार दिन की संयमता रखना तुम,