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कड़वा सच नहाकर गंगा में सब पाप धोआया । वहीं से ध

  कड़वा सच
नहाकर गंगा में सब पाप धोआया ।
वहीं से धोए पापो का पानी भर लाया।।
वाह रे इंसान तरिका तेरा समझ नहीं आया।।।
पाप हमारी सोच से होता है शरीर से नहीं और ।
गंगा जल हमारे शरीर को धोता है सोच को नहीं।।
ग़लती नीम की नहीं की वो कड़वा हैं।
खुदगर्जी जीभ की है की उसे मिठा पसंद है ।।

©Rudra Sharma
  #boatclub #Life #RDXRPS
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Rudra Sharma

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