शरीफ़ कहते हैं दुनिया वाले मुझको, पर क्या मैं इन्सान बड़ा नेक हूं, बुराइयों से बचा है क्या यहां कोई, फिर मैं भी तो उनमें से ही एक हूं। no one is perfect