बंधी हुई ज़िंदगी हमारी,आशाओं की डोर से, थरथराते हौसलें हमारे,निराशाओं के शोर से। कहता हृदय आशाओं से,हौसलें न पस्त कर, उम्मीदों की भोर से,निराशाओं को अस्त कर। JP lodhi 03dec2020 ©J P Lodhi. #SunSet #poetryunplugged #Nojotowriters #Nojotohindi #Nojotonews #Nojotoorigenal #Poetry