anonymous : प्रतीक बाबु क्यु पिते हो अितना ज्यादा, नपीनेका क्यु नही करते हो तुम वादा। Pratik babu : क्या तकलीफ हे मेरे पिनेसे तुमे। कभी तो तुम थोडा सम्झो ना हमे। मे तो पिता हुँ कि बस सास ले सकु। उसके होनेका मे अेसास ले सकु। सराब ही तो देती हे मुझको दम। यही तो मिटाती हे मेरा सभी गम। anonymous : हे मेरे अीत प्यारे प्रतीक बाबु। अपने गमको रखो ना तुम काबु। अितना ज्यादा ना पियो शराब कि होजाअो तुम अिस्से बेकाबु। pratik babu बेकाबु होने दो मुझे। उसकी यादोमे खोने दो मूझे। anonymous : क्यु करते हो तुम उस्से इतना ज्यादा प्यार। कब तक करोगे अाखिर उसका इन्तजार। pratik babu. जब तक हे सिने मे सास। तब तक हे मुझे उस्से आस। ईन्तजार करता रहुँगा मे , जब तक बन ना जाअु लाश ©Pratik Regmi #pratik babu