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जब   मिलने   को  घण्टों  बैठा, तब   समझा   इंतजार 

जब   मिलने   को  घण्टों  बैठा, तब   समझा   इंतजार  क्या  है?
जब दिल से दिल का मिलन हुआ,तब ये जाना कि प्यार क्या है?

रहकर  संग  तुम्हारे   ही  तो, सब  कुछ  अब  मैं  जान  गया  हूँ।
अपने   और    पराये   में   मैं,  अंतर   को    पहचान   गया   हूँ।
सूरत   चाहे   कैसी   भी   हो,पर  दिल  हरदम  ही  साफ  मिले।
इतना  ध्यान प्यार  में  हो  जो, तब  ही   सबको   इंसाफ  मिले।

जब  तुमसे  मैं  जो  दूर  हुआ,तब  जाना  कि  तकरार  क्या  है?
जब दिल से दिल का मिलन हुआ,तब ये जाना कि प्यार क्या है?

मिलती  है   खुशियाँ  अपार  जो, लफ्जों  में  बयाँ  न  हो  पाये।
देखे   अपने   प्रियतम   को  तो, चेहरा  फूल  सा   खिल  जाये।
करते  हैं  जो   सदा   भरोसा, उनका   प्रतिदिन   ही  प्रीत  बढ़े।
चलकर ही  इस कठिन  डगर पर,अब  फिर ये  पावन  रीत बढ़े।

जब  मुझे  देख  तुम  मुँह  फेरे, तब  जाना कि  इनकार  क्या है?
जब दिल से दिल का मिलन हुआ,तब ये जाना कि प्यार क्या है?

 #मत्त_सवैया_छंद #गीत #विश्वासी
जब   मिलने   को  घण्टों  बैठा, तब   समझा   इंतजार  क्या  है?
जब दिल से दिल का मिलन हुआ,तब ये जाना कि प्यार क्या है?

रहकर  संग  तुम्हारे   ही  तो, सब  कुछ  अब  मैं  जान  गया  हूँ।
अपने   और    पराये   में   मैं,  अंतर   को    पहचान   गया   हूँ।
सूरत   चाहे   कैसी   भी   हो,पर  दिल  हरदम  ही  साफ  मिले।
इतना  ध्यान प्यार  में  हो  जो, तब  ही   सबको   इंसाफ  मिले।

जब  तुमसे  मैं  जो  दूर  हुआ,तब  जाना  कि  तकरार  क्या  है?
जब दिल से दिल का मिलन हुआ,तब ये जाना कि प्यार क्या है?

मिलती  है   खुशियाँ  अपार  जो, लफ्जों  में  बयाँ  न  हो  पाये।
देखे   अपने   प्रियतम   को  तो, चेहरा  फूल  सा   खिल  जाये।
करते  हैं  जो   सदा   भरोसा, उनका   प्रतिदिन   ही  प्रीत  बढ़े।
चलकर ही  इस कठिन  डगर पर,अब  फिर ये  पावन  रीत बढ़े।

जब  मुझे  देख  तुम  मुँह  फेरे, तब  जाना कि  इनकार  क्या है?
जब दिल से दिल का मिलन हुआ,तब ये जाना कि प्यार क्या है?

 #मत्त_सवैया_छंद #गीत #विश्वासी