Nojoto: Largest Storytelling Platform

तुझ बिन जीना नामुमकिन तो नहीं पर, यूँ लगता है इतना

तुझ बिन जीना नामुमकिन तो नहीं पर,
यूँ लगता है इतना भी आसान नहीं है।
सूखी पड़ी है कबसे दहलीज़ मेरे दिल की,
सावन भी अब इसका मेहमान नहीं है।
जाने कब पतझड़ों से जुड़ गया नाता,
बहारों से हमारी अब पहचान नहीं है।
तेरे साथ ये वक़्त भी रुसवा कर गया,
एक लम्हा भी अब मेहरबान नहीं है।
तेरे जाते ही यूं डूबे हम नशे में तेरे कि,
कोई मैखाना शहर का अनजान नहीं है।
एक ख्वाब क्या टूटा, यूँ लगता है जैसे,
इस दिल मे अब कोई अरमान नहीं है।
एक खता-ए-मोहब्बत,सौ ज़ख्म सज़ा में,
क्या लगता है तुझे हम इंसान नहीं हैं..??



 #तेरेबिन #वक़्त #मोहब्बत #खता #yqhindi #गज़ल #hindipoetry #hindi
तुझ बिन जीना नामुमकिन तो नहीं पर,
यूँ लगता है इतना भी आसान नहीं है।
सूखी पड़ी है कबसे दहलीज़ मेरे दिल की,
सावन भी अब इसका मेहमान नहीं है।
जाने कब पतझड़ों से जुड़ गया नाता,
बहारों से हमारी अब पहचान नहीं है।
तेरे साथ ये वक़्त भी रुसवा कर गया,
एक लम्हा भी अब मेहरबान नहीं है।
तेरे जाते ही यूं डूबे हम नशे में तेरे कि,
कोई मैखाना शहर का अनजान नहीं है।
एक ख्वाब क्या टूटा, यूँ लगता है जैसे,
इस दिल मे अब कोई अरमान नहीं है।
एक खता-ए-मोहब्बत,सौ ज़ख्म सज़ा में,
क्या लगता है तुझे हम इंसान नहीं हैं..??



 #तेरेबिन #वक़्त #मोहब्बत #खता #yqhindi #गज़ल #hindipoetry #hindi