हमने जल बचाना कितना सीखा की हम विश्व जल दिवस मना रहे हैं हमने अपनी हवाओं को भी बहने ही कहाँ दिया जो शुद्ध हवा का अनुसन्धान कर रहे हैं और वृक्षों की कटाई पर हमारा दिल कहाँ पसीजा जो हम पर्यावरण बचाने की बात करते हैं हम सभ्य होने के लिए कितना नीचे गिरते जा रहे और इस तरह हो रहा है एक सभ्यता का पतन ©पवन सोनकर #पर्यावरण और समाज