मृषा से यथार्थ संवाद °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° जगी सुप्त आशा प्रत्येक हृदय की, मिली विजय कभी तो कभी मात खाये... ठेस देते हैं सारे यूँ शीशा समझकर, निज सखा या सहोदर सभी हैं पराये... जीना है तो सीखो लक्ष्य हेतु जीना, अन्यथा न जाने व्यर्थ गए कितने आये... किसी से क्या लेना क्यों सुनना किसी का, स्वयं को यदि सादा स्वभाव निज भाये... ये पथ है श्रीमान आधारशिला जीवन का, न कुछ रह गया शेष यदि सर्वस्व पाये... -रेखा "मंजुलाहृदय" ©Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" #MumbaiIndians #यथार्थ #मृषा #ज़िंदगी #लक्ष्य #अपना #पराये #मंजुलाहृदय #Rekhasharma #nojotowriters