पवित्र प्रेम में लेने की भावना नहीं होती, देने की होती है। प्रेम में मांग नहीं होती। प्रेम में अपेक्षा का भाव जगा कि सच्चा प्रेम भागा ही समझें। - परम पूज्य डोंगरे जी महाराज #पवित्रप्रेम