हरि ओम यहाँ कौन अपना कौन पराया है रिश्ता हमारा आत्मा का बाकी सब मोह माया है ॐ मृत्युंजयाय नमः ॐ आत्मरूपाय नमः ॐ भोलेरामाय नमः ©Ramesh Singh #Insaaniyat #LoveFromSea