ये प्रयागराज है साहब जो कभी इलाहाबाद हुआ करता था वक्त सबका बदलता है चाहे इंसान हो या शहर अगर कभी दिल टूटे या फिर अपने रूठे तो चले आना संगम नगरी में साहब यहां अच्छे अच्छों की तकदीर बदलती देखी है कभी मन में आए घमंड तो सैर कर लेना संगम के किनारे पता चल जाएगा कि तुम क्या हो क्योंकि ना जाने कितने नेताओं अभिनेताओं क्रांतिकारियों उद्योगपतियों को अपने अंदर समाहित करके मां गंगा मां यमुना बहुत ही प्यार से एकदम शांत स्वभाव से कल कल करके बहती आ रही है सदियों से यह प्रयागराज है साहब यहां जिंदगी का तजुर्बा और जिंदगी दोनों एक साथ मिलती है ©Amit allhabadi # I Love prayagraj.. prayagraj the city of dreams like a student.. #Light