भाग दौड़ ने जिंदगी रेल बनाई है, गंतव्य का इल्म नहीं बस एक पटरी पर दौड़ाए जा रही है.. दिखावा, प्रतिस्पर्धा में जिंदगी की सुहानी सुबह ,हसीन शाम रात के साये के गिरफ़्त में समाई जा रही है.. ©Bindu Sharma #Twowords #भाग_दौड़