गुजारी थी जो बाहो में, हम वो रात नही भूले। मोहब्बत की अभी पेहली, हम बरसात नही भूले। जमाने ने हमे अपनी बिठा रक्खा हैं पलकों पर, मगर हम आज भी अपनी सनम औकात नही भूले... #nahi_bhoole