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जिसको मिलती है जितनी सुविधा उसको रहती हैं उतनी

जिसको  मिलती है  जितनी सुविधा
उसको  रहती हैं  उतनी  दुविधा
(पूरा लेख अनुशीर्षक में पढ़े) देवियों और सज्जनों कुछ दिनों से हम सभी लोग अपने घरों में कैद है तमाम सुख साधनों के होते हुए भी जैसे Chill करने के लिए Netflix है आराम करने के लिए नर्म बिस्तर है ,खाने के लिए पर्याप्त भोजन है, पीने के लिए ठंडा गरम पानी है, इन सभी सुख-सुविधाओं के होने के बावजूद भी हम व्यथित है तथा दुविधा से ग्रसित हैं ।
शायद हम यह भूल रहे हैं कि हम इस चारदीवारी में जो आराम का जीवन व्यतीत कर रहे हैं बाहर झांकने पर हमको  दिहाड़ी मजदूर जो सड़कों पर पैदल यात्रा करते हुए शहर दर शहर आ रहा है, ठेला लगाने वाले बेघर हो चुके हैं, रोजमर्रा की दिहाड़ी करके रिक्शा चलाकर कमाने वाले आज बेबस अपने घरों में पड़े हैं।
 सरकार ने इनकी मदद के लिए बहुत ही बेहतर और उपयुक्त कदम उठाए हैं जो इन को मिल भी रही है और मिलती रहेगी 
आप सभी लोग से निवेदन है कि जिस तरीके से भी मानसिक ,आर्थिक ,सामाजिक कैसे भी अगर मदद कर सकते हैं जरूर करिए उनके लिए नहीं अपने लिए क्योंकि इस दुविधा का निस्तारण मदद करने के बाद ही मिल पाएगा। 
#yqbaba #yqsahitya #yqdidi #yqtales #help #poor #covid19  #yqquotes
जिसको  मिलती है  जितनी सुविधा
उसको  रहती हैं  उतनी  दुविधा
(पूरा लेख अनुशीर्षक में पढ़े) देवियों और सज्जनों कुछ दिनों से हम सभी लोग अपने घरों में कैद है तमाम सुख साधनों के होते हुए भी जैसे Chill करने के लिए Netflix है आराम करने के लिए नर्म बिस्तर है ,खाने के लिए पर्याप्त भोजन है, पीने के लिए ठंडा गरम पानी है, इन सभी सुख-सुविधाओं के होने के बावजूद भी हम व्यथित है तथा दुविधा से ग्रसित हैं ।
शायद हम यह भूल रहे हैं कि हम इस चारदीवारी में जो आराम का जीवन व्यतीत कर रहे हैं बाहर झांकने पर हमको  दिहाड़ी मजदूर जो सड़कों पर पैदल यात्रा करते हुए शहर दर शहर आ रहा है, ठेला लगाने वाले बेघर हो चुके हैं, रोजमर्रा की दिहाड़ी करके रिक्शा चलाकर कमाने वाले आज बेबस अपने घरों में पड़े हैं।
 सरकार ने इनकी मदद के लिए बहुत ही बेहतर और उपयुक्त कदम उठाए हैं जो इन को मिल भी रही है और मिलती रहेगी 
आप सभी लोग से निवेदन है कि जिस तरीके से भी मानसिक ,आर्थिक ,सामाजिक कैसे भी अगर मदद कर सकते हैं जरूर करिए उनके लिए नहीं अपने लिए क्योंकि इस दुविधा का निस्तारण मदद करने के बाद ही मिल पाएगा। 
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देवियों और सज्जनों कुछ दिनों से हम सभी लोग अपने घरों में कैद है तमाम सुख साधनों के होते हुए भी जैसे Chill करने के लिए Netflix है आराम करने के लिए नर्म बिस्तर है ,खाने के लिए पर्याप्त भोजन है, पीने के लिए ठंडा गरम पानी है, इन सभी सुख-सुविधाओं के होने के बावजूद भी हम व्यथित है तथा दुविधा से ग्रसित हैं । शायद हम यह भूल रहे हैं कि हम इस चारदीवारी में जो आराम का जीवन व्यतीत कर रहे हैं बाहर झांकने पर हमको दिहाड़ी मजदूर जो सड़कों पर पैदल यात्रा करते हुए शहर दर शहर आ रहा है, ठेला लगाने वाले बेघर हो चुके हैं, रोजमर्रा की दिहाड़ी करके रिक्शा चलाकर कमाने वाले आज बेबस अपने घरों में पड़े हैं। सरकार ने इनकी मदद के लिए बहुत ही बेहतर और उपयुक्त कदम उठाए हैं जो इन को मिल भी रही है और मिलती रहेगी आप सभी लोग से निवेदन है कि जिस तरीके से भी मानसिक ,आर्थिक ,सामाजिक कैसे भी अगर मदद कर सकते हैं जरूर करिए उनके लिए नहीं अपने लिए क्योंकि इस दुविधा का निस्तारण मदद करने के बाद ही मिल पाएगा। #yqbaba #yqsahitya #yqdidi #yqtales #Help #poor #covid19 #yqquotes