कीचड़ में सने मैल से भरे ये बच्चे करे भी तो क्या करे पिये इनके पापा शराब हालात है ऐसे कैसे न हो खराब गांव का समाज बनते जिसमे जाती के लिबाज है देते गाली इनको कह के पासी चमार क्या गरीब के बच्चे, बच्चे नही क्या कीचड़ में खिलते फूल अच्छे नही सपने क्यों ये बच्चे बुनते नही क्यों हम काबिल होकर भी आवाज़ इनकी सुनते नही है कमी शायद तुम्ही मे हमी में वरना सब है बराबर इस जन्नत सी ज़मी में ©Sarthak dev #PoetInYou #villageeducation