मैं अकेले गुनहगार नहीं हूं इस मोहब्बत के जुर्म में, नज़रें मिलती थी तो तुम भी मुस्कुराया करते थे...☺️😊 ©उमाकान्त द्विवेदी Happy New Year, My Love...☺️😊