आंसू थे पहले जिस जगह, उन पलकों में अब ख़्वाब पल रहे हैं !! अब अलग है सबकुछ पहले से, हम अब अपनी मंजिल की ओर चल रहे हैं !! माना था कुछ लोगों को अपना जिंदगी में, देख रही हूँ! मेरे बदलने पर वो भी जल रहे हैं !! सो ! लोगों को नजरअंदाज करके अब, हम अपने पैरों पर फिर से सम्हल रहे हैं !! मुस्कराई मैं, जब किसीने कहा तेरी तकदीर अच्छी है, अंजान हैं वो सब, कि कैसे मेरे गुज़रे हुए कल रहे हैं !! ख़ैर! लोगों से हमें क्या लेना-देना, हम तो अब लोगों के विचारों से दूर निकल रहे हैं !! ©Shalini Pandey ख़ैर! लोगों से हमें क्या लेना-देना,