यह महान कलाकार,, श्री तुलसीराम जी गमेती",,,,, राजस्थान व गुजरात तट पर प्रसिद्ध नृत्य"भवाई"नृतककार जो अपनी नाट्य कला से जग प्रसिद्ध है,बेहद सरस ,सरल,विन्रम,हँसमुख व दोस्ताना व्यवहार के "दिल के दिलदार", कलाकार की भावभंगीमा देखते ही बनती है,,,,,जैसा की वदित है कि"उदयपुर एशियाँ तीसरा प्रसिद्ध शहर है "लेकिन कलाकारों , गौरवशाली परम्पराओ,तथा झीलों की नगरी से वैश्विक मंच पर छापित है,,,,,वहाँ है,,,, "भारतीय लोककला मंडल_उदयपुर" का कठपुतलियाँ का नाच "पद्म श्री देवी लाल जी सामर द्वारा स्थापित",,,,,कलाओ का नया युग बनकर रह गया,,,,,,""***"आप सभी मित्रो से निवेदन है कि"आपका लोककला मंडल उदयपुर में"स्वागत है,,,,,,,,,,,,,,, कलाकार कभी नही मरता है,,,,,, विन्रम अपील__ओम भक्त मोहन बनाम कलम मेवाड की9549518477 नयनसी परमार