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जब कोई चेहरा ख़ुद को ख़ुदा समझ बैठता है वो हर चेहर

जब कोई चेहरा
ख़ुद को ख़ुदा समझ बैठता है
वो हर चेहरे को
अपना प्यारा मोहरा बनाता है
गुरूर तो देख लो
ज़मीन के लिए ज़मीर बेचता है
मगर इक रोज़
वो हर मोहरा अंगारा बनता है
फ़िर इक रोज़ 
मैं ख़ुदा नही एहसास होता है
मिलती है ज़मीन
जो सिर्फ़ दो गज गहरा होता है

©अदनासा- #हिंदी #ख़ुद #ख़ुदा #ज़मीन #ज़मीर #चेहरा #एहसास #Instagram #Facebook #अदनासा