एक दिवाली तब बनाई जाती थी जब घरों मे दिए के रौशनी मे था वास एक अब बनाई जाती है जब लाइट की रौशनी भी कम पड़े हर बार।। एक दिवाली तब बनाई जाती थी जब पटाख़े जलते थे फिर भी लोग स्वस्थ थे एक अब बनाई जाती है जब पटाख़े बेन है फिर भी लोग अस्वस्थ है।। एक दिवाली तब बनाई जाती थी जब मोहल्ले मे सब मिठाई बाटकर खुशियां मनाते एक अब बनाई जाती है जब लोग मिठाई अपने खुद के परिवारों मे बाट ते हुए सोचते है हजार बार।।। परिवारों मे खुशियां थी बेशुमार अब रह गयी है बस खटास।। ना वो रौनक है ना वो जज़्बा बस रह गयी है बनावटी दुनिया।।। ना वो रंगोली के रंग मे रंगे हाथ ना वो दिया बाती का साथ बस रह गयी है बल्ब के रूप में दिये हज़ार।। ना वो गले मिलकर बधाई देना न हँसी ठिठौली है रह गयी बस वाट्सएप्प की दुनिया।। चाहे कितने भी बदल जाय लोगो का बर्ताव एक चीज़ ना बदल पायगे राम सीता के प्रति प्यार।।। #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqhindi #yqdiwali #life #love #live