सोचता हूं मैं तुझे अपना बना लूं, पर ये तो बता मुझे कैसे तुझे पा लूं, दिल में जो भी है जुबां पर आने दे, अपनी जुल्फों के साए मुझे सो जाने दे, दूरियां सही न जाए तुझसे और मुझसे, खुदा ऐसा कर दे उसे अपना बना लूं, वक्त और हालात ऐसे क्यों होते हैं, मैं यहां तड़पता हूं तुम वहां तड़पते हो, ऐसे तो न थी ये जिंदगानी अपनी, फिर भी क्यों ऐसे आहें तुम भरते हो, दिल को अपने कैसे काबू मैं कर लूं, सोचता हूं मैं तुझे अपना बना लूं.....! सोचता हूं मैं तुझे..............!