रात ,चादँ और किताब फिर भी दिल बेताब। आखों से नींद कोसों दूर, ढूंढ रही दिल का करार। चादँनी रात मे हुआ था, प्रेम का इजहार और थामा था उसका हाथ। रात ,चादँ और किताब।PiY@Poonamaggarwal प्रिय लेखको। आइए एक अलग तरह का अभ्यास करते हैं। इस तस्वीर में तीन चीज़ें बहुत नुमायाँ (मुखर) हैं। एक रात, दूसरी किताब और तीसरा चाँद। तीन पंक्तियों की एक रचना से इस तस्वीर का अनुवाद करें। लेकिन हर पंक्ति में तीनों में से एक शब्द ज़रूर हो। #तस्वीरबोलतीहै #challenge #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi##PiY@Poonamaggarwal(18)