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76वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं स्वतंत्

76वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 

स्वतंत्रता के बाद की अगणित अव्यवस्थाएँ सुलझाने को,
भारतवर्ष के जन-जन को, समान स्वाधीनता दिलवाने को,
परस्पर प्रेम, सौहार्द और सामंजस्यता का भाव जगाने को,
खंड-खंड में बँटी हमारी मातृभूमि को पुनः सशक्त बनाने को,

रियासती व मनसबदारी रीतियों से, निजात पाना जरूरी था,
सांप्रदायिकता भुलाकर, सर्व-धर्म समभाव आना जरूरी था,
शासक और प्रजाजन के बीच के भेद को मिटाना जरूरी था,
सबका हो सम्मान समान, ऐसा गणराज्य बनाना जरूरी था,

फिर भारतीय जनमानस की एक अनूठी आस प्रतिफलित हुई,
सन् 1946 के त्रासदीग्रस्त हिंदुस्तान में, एक सुघटना घटित हुई,
डॉ० राजेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में संविधान सभा जो गठित हुई,
प्रारूप समिति अध्यक्ष डॉ० भीमराव अंबेडकरजी से सज्जित हुई,

सरदार पटेल व 299 सदस्यों को, लोकतंत्र रचने का सम्मान मिला,
भारत के भविष्य को गढ़ने और सँवारने, सँभालने का कमान मिला,
दो साल ग्यारह महीनों एवं कई बैठकों का अंततः यह परिणाम मिला,
स्वतंत्र भारतीयों को 26 जनवरी 1950 में संविधान का वरदान मिला,

आइए हम सब लोकतांत्रिक भारत में गणतंत्रता का ये महापर्व मनाते हैं,
राष्ट्रध्वज समक्ष राष्ट्रगान गाते हुए, जय हिंद, वंदे मातरम के नारे लगाते हैंl

IG:— @my_pen_my_strength

©Saket Ranjan Shukla 76वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.!
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✍🏻Saket Ranjan Shukla
All rights reserved©
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76वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 

स्वतंत्रता के बाद की अगणित अव्यवस्थाएँ सुलझाने को,
भारतवर्ष के जन-जन को, समान स्वाधीनता दिलवाने को,
परस्पर प्रेम, सौहार्द और सामंजस्यता का भाव जगाने को,
खंड-खंड में बँटी हमारी मातृभूमि को पुनः सशक्त बनाने को,

रियासती व मनसबदारी रीतियों से, निजात पाना जरूरी था,
सांप्रदायिकता भुलाकर, सर्व-धर्म समभाव आना जरूरी था,
शासक और प्रजाजन के बीच के भेद को मिटाना जरूरी था,
सबका हो सम्मान समान, ऐसा गणराज्य बनाना जरूरी था,

फिर भारतीय जनमानस की एक अनूठी आस प्रतिफलित हुई,
सन् 1946 के त्रासदीग्रस्त हिंदुस्तान में, एक सुघटना घटित हुई,
डॉ० राजेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में संविधान सभा जो गठित हुई,
प्रारूप समिति अध्यक्ष डॉ० भीमराव अंबेडकरजी से सज्जित हुई,

सरदार पटेल व 299 सदस्यों को, लोकतंत्र रचने का सम्मान मिला,
भारत के भविष्य को गढ़ने और सँवारने, सँभालने का कमान मिला,
दो साल ग्यारह महीनों एवं कई बैठकों का अंततः यह परिणाम मिला,
स्वतंत्र भारतीयों को 26 जनवरी 1950 में संविधान का वरदान मिला,

आइए हम सब लोकतांत्रिक भारत में गणतंत्रता का ये महापर्व मनाते हैं,
राष्ट्रध्वज समक्ष राष्ट्रगान गाते हुए, जय हिंद, वंदे मातरम के नारे लगाते हैंl

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©Saket Ranjan Shukla 76वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.!
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