मुश्किलों से मिली हो,जरा थोड़ी देर ठहरो आगाज़ तुम कर दो,अंजाम मैं बनूंगा जो मिलें ना लफ्ज़ तुमको,तो ख़ामोश ही रहना आँखों से तुम कह दो,इशारों को मै पढूंगा ये आरज़ू है मेरी,तुम्हें फिर से समझ लूँ रास्ता तुम दिखा दो,उन पर मैं चलूंगा मिले साथ तुम्हारा,मुझे हर जनम में हाथों को तुम उठा लो,दुआ मैं करूंगा... © abhishek trehan 🎀 Challenge-234 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए।