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सोचता हूं इस मुख्तसर ज़िंदगी की शाम हो जाए हादसे

सोचता हूं इस मुख्तसर ज़िंदगी की शाम हो जाए

हादसे जितने होने हो मेरे साथ तमाम हो जाए

©Rashid Rafeek सोचता हूं इस मुख्तसर ज़िंदगी की शाम हो जाए

हादसे जितने होने हो मेरे साथ तमाम हो जाए

        #rashidrafeek
सोचता हूं इस मुख्तसर ज़िंदगी की शाम हो जाए

हादसे जितने होने हो मेरे साथ तमाम हो जाए

©Rashid Rafeek सोचता हूं इस मुख्तसर ज़िंदगी की शाम हो जाए

हादसे जितने होने हो मेरे साथ तमाम हो जाए

        #rashidrafeek