Nojoto: Largest Storytelling Platform

और मजबूत हुए ,हम जब भी गुज़रे ,वक़्त के तूफ़ानों से,

 और मजबूत हुए ,हम जब भी गुज़रे ,वक़्त के तूफ़ानों से,
शीतल  बयार  ही  आई , दहकते   आग   के  दालानों से,

जब  कभी  रोकनी  चाही  मेरी  राहें,  दर्द  की सुनामी ने,
पकड़कर  बाँह   मरोड़ी   है ,  मेरी  हिम्मत-ए-तूफानी ने,

रुक  जाऊँ  इन  वक़्त  के  थपेड़ों  से, ये सीखा नही मैने,
क़दम   आसान    सी   राहों   पे   कभी ,   रखा नही मैंने,

पार कर लिए मौत से समन्दर भी ,हिम्मतों के दम पर,
मेरे   क़दमों  ने   चलना   सीखा है, रुकना नही पल भर ,

आई  अगर  और  भी मुश्किल, मैं अकेले ही लड़ जाऊँगी,
सामने कैसा भी झंझावात हो ,जीत कर दिखाऊंगी।।

-पूनम आत्रेय

©poonam atrey
  #मुश्किलें_ए_ज़िन्दगी 
#हौसलानहींछोड़ा