आधुनिकता की आंधी में और हार जीत की बाजी में गर कभी ऐसा लगे कि इस दुनिया की भीड़ में कही खो रहे हो और खुद से तुम दूर हो रहे हो , जब कोई राह भी नजर न आए और कोई हाथ थामने वाला सहारा न हो, बस तुम खुद का हाथ थामकर देखना और खुद को खुद का साथी बनाकर देखना तुम एक बार खुद को चाहकर देखना बस एक बार खुद को बेइंतहा प्यार करके देखना सारी मुश्किलें आसान हो जाएंगी और सारी खुशियां तुम्हारे सामने हाथ पसारे खड़ी होंगी और तब उन खुशियों को गले लगाने का मज़ा ही अलग होगा ... ©priya dehati #thought #alone #self_observation