माना हमने उनको ना देखा,ना छुआ है फिर भी सोचकर उनको एक सुकूँ सा हमें मिला है महक रही है साँसें,उन्हें भी कुछ हुआ है रात ने जैसे दिन को अपने आगोश में लिया है मुझे बहुत पसंद है जो रंग उन्होनें चुना है ना काला,ना गोरा वो रंग गेहुँआ है हम इससे नहीं हैं वाकिफ़,दिल पत्थर या ख़ुदा है हदों में रहकर कर लो तो इश्क ही दुआ है जाओ ढूंढ़ लो तुम,क्या गलत,क्या सही किया है जिसकी सज़ा सिर्फ तुम हो बस वो गुनाह ही किया है आसाँ नहीं है समझना उसने कितने आँसुओं को पिया है टूटा था दिल ये मेरा,जिसे उसने अपने हाथों से सिया है... © abhishek trehan #अजनबी #दुआ #सुकूँ #इश्क़ #manawoawaratha #yqaestheticthoughts #yqrestzone #yqdidi