मुँह पर किसी के कालिख़ ना मला करो तिल तिल कर यूँ किसी से ना जला करो! पीछे दौड़ने से हाथ नहीं आता वक़्त! वक़्त से कदम मिला के चला करो! गुज़रे वक़्त की ख़ासियत है कि लौटता नहीं बीतने के बाद फिर चाहे हाथ मला करो! हाथ पर हाथ धरे बैठे ना रहो तुम चलते रहो चाहे धीमे ही चला करो! मन्नतों के धागे से ज़िंदगी नहीं बनती तावीज़ की जगह ख़ुद पर भरोसा करो! ♥️ Challenge-610 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।