इंतहा गलतियां करके भी लोग गुरूर का पजामा पहन मेरी बस्तियों में बंजारा सा घुम रहे हैं। लगी जो अपने शाख मे दाग़ तो बरस बरस के दूजे के दाग़ बादलों की तरह धो रहे हैं! ~~शिवानन्द #दाग