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100 से अधिक वैज्ञानिकों का आकलन • कोरोना अब घातक न

100 से अधिक वैज्ञानिकों का आकलन • कोरोना अब घातक नहीं

2022 में कोरोना महामारी नहीं रहेगी

भास्कर न्यूज | वॉशिगटन/ लंदन

दुनियाभर में 54 लाख मौतों की वजह बना कोरोनावायरस 2022 के अंत तक सामान्य फ्लू में तब्दील हो सकता है। यह खत्म तो नहीं होगा, लेकिन इससे होने वाली मौतों को लगभग शून्य किया जा सकता है। ओमिक्रॉन वैरिएंट के तेजी से फैलने की खबरों के बीच डब्ल्यूएचओ से जुड़े 100 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने कोरोनावायरस के भविष्य को लेकर एक समग्र रिपोर्ट तैयार की है। इसमें बताया गया है कि कोरोनावायरस को रोकने के लिए 2022 में कई नई दवाएं कारगर साबित होंगी। जैसे शुरुआती दौर में वैक्सीन ने इसकी गंभीरता को कम किया, ठीक वैसी हो भूमिका कोविडरोधी दवाएं निभाएंगी। अगले 3 से 6 महीने में ऐसी सैकड़ों दवाएं बाजार में उपलब्ध होंगी। वैज्ञानिकों का मानना है कि 2022 के अंत तक कोरोनावायरस भी उसी स्थिति में पहुंच जाएगा, जैसे 1918 में स्पेनिश फ्लू और 2009 में स्वाइन फ्लू था। यानी, ये खत्म तो नहीं हुए लेकिन दवाओं की मदद से इससे होने वाली मौतें रोक दी गईं। 2022 में कोरोनावायरस के साथ जिंदगी कैसी होगी, इसे लेकर वैज्ञानिकों ने चार प्रमुख बातें सामने रखी हैं, जो इस प्रकार हैं...

वैज्ञानिकों ने कहा- 2022 के अंत तक कोरोना से मौतें शून्य हो सकती हैं, पर यह सामान्य फ्लू की तरह रहेगा

वैक्सीन के अलावा सैकड़ों कोविडरोधी दवाएं कतार में

1. कोरोना सीजनल बीमारी जैसा होगा, 99% मरीज घर पर ही ठीक हो जाएंगे अगले साल तक 90% देशों की पूरी वयस्क आबादी का वैक्सीनेशन हो जाएगा। 100 से ज्यादा देशों में 80% आबादी बूस्टर डोज भी लगवा चुकी होगी। फिर भी साल में एक-दो बार संक्रमण पीक पर हो सकता है। ज्यादातर देशों में पीक सर्दी में संभव है। लेकिन, इससे मौतें नहीं के बराबर होंगी। नई दवाएं भी अहम होंगी। यह साफ है कि संक्रमण नहीं रुकेगा, लेकिन संक्रमितों को बचाना आसान होगा।

2. दुनिया मास्क फ्री होगी, पर बीमार लोगों के लिए मास्क अनिवार्य रहेगा

जॉन हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के महामारी विशेषज्ञ डॉ. शॉन लव हैं कि वायरस के सीजनल फ्लू में तब्दील होने के बाद दुनिया मास्क फ्री हो सकेगी। कुछ देश मास्क की अनिवार्यता खत्म करना शुरू भी कर चुके हैं। सिर्फ बीमारों को 2-3 हफ्ते मास्क पहनना पड़ेगा। सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत सिर्फ गंभीर संक्रमण वाले इलाकों में होगी।

3. हर साल बूस्टर डोज लगाना दुनिया के कई देशों की मजबूरी बन जाएगी

कोरोना से लड़ने के लिए ज्यादातर देशों ने बूस्टर डोज का रास्ता अपनाया है। सिर्फ वही देश बूस्टर नहीं लगा रहे, जहां आबादी को प्राइमरी दो डोज नहीं लगी हैं। कोरोना का संक्रमण जब-जब फैलेगा बूस्टर डोज उसको गंभीरता को कम रखने में मददगार साबित होंगी। इसलिए अमेरिका, ब्रिटेन, चीन जैसे देशों ने बूस्टर डोज को अनिवार्य कर दिया है।

4. अगले साल हर बच्चा वैक्सीनेट हो सकता है, कोरोना टेस्ट भी सस्ता होगा

100 से ज्यादा देशों में बच्चों का वैक्सीनेशन जारी है। चीन, इजरायल जैसे कुछ देश बच्चों के बूस्टर डोज भी मंजूर कर चुके हैं। लेकिन, भारत समेत ज्यादातर एशियाई देश और अफ्रीका में बच्चों का वैक्सीनेशन नहीं हो रहा। डब्ल्यूएचओ ने उम्मीद जताई है कि 2022 में दुनिया के सभी बच्चे वैक्सीनेट हो जाएंगे। दूसरी ओर, कोरोना की जांच भी सस्ती होगी।

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100 से अधिक वैज्ञानिकों का आकलन • कोरोना अब घातक नहीं

2022 में कोरोना महामारी नहीं रहेगी

भास्कर न्यूज | वॉशिगटन/ लंदन

दुनियाभर में 54 लाख मौतों की वजह बना कोरोनावायरस 2022 के अंत तक सामान्य फ्लू में तब्दील हो सकता है। यह खत्म तो नहीं होगा, लेकिन इससे होने वाली मौतों को लगभग शून्य किया जा सकता है। ओमिक्रॉन वैरिएंट के तेजी से फैलने की खबरों के बीच डब्ल्यूएचओ से जुड़े 100 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने कोरोनावायरस के भविष्य को लेकर एक समग्र रिपोर्ट तैयार की है। इसमें बताया गया है कि कोरोनावायरस को रोकने के लिए 2022 में कई नई दवाएं कारगर साबित होंगी। जैसे शुरुआती दौर में वैक्सीन ने इसकी गंभीरता को कम किया, ठीक वैसी हो भूमिका कोविडरोधी दवाएं निभाएंगी। अगले 3 से 6 महीने में ऐसी सैकड़ों दवाएं बाजार में उपलब्ध होंगी। वैज्ञानिकों का मानना है कि 2022 के अंत तक कोरोनावायरस भी उसी स्थिति में पहुंच जाएगा, जैसे 1918 में स्पेनिश फ्लू और 2009 में स्वाइन फ्लू था। यानी, ये खत्म तो नहीं हुए लेकिन दवाओं की मदद से इससे होने वाली मौतें रोक दी गईं। 2022 में कोरोनावायरस के साथ जिंदगी कैसी होगी, इसे लेकर वैज्ञानिकों ने चार प्रमुख बातें सामने रखी हैं, जो इस प्रकार हैं...
100 से अधिक वैज्ञानिकों का आकलन • कोरोना अब घातक नहीं

2022 में कोरोना महामारी नहीं रहेगी

भास्कर न्यूज | वॉशिगटन/ लंदन

दुनियाभर में 54 लाख मौतों की वजह बना कोरोनावायरस 2022 के अंत तक सामान्य फ्लू में तब्दील हो सकता है। यह खत्म तो नहीं होगा, लेकिन इससे होने वाली मौतों को लगभग शून्य किया जा सकता है। ओमिक्रॉन वैरिएंट के तेजी से फैलने की खबरों के बीच डब्ल्यूएचओ से जुड़े 100 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने कोरोनावायरस के भविष्य को लेकर एक समग्र रिपोर्ट तैयार की है। इसमें बताया गया है कि कोरोनावायरस को रोकने के लिए 2022 में कई नई दवाएं कारगर साबित होंगी। जैसे शुरुआती दौर में वैक्सीन ने इसकी गंभीरता को कम किया, ठीक वैसी हो भूमिका कोविडरोधी दवाएं निभाएंगी। अगले 3 से 6 महीने में ऐसी सैकड़ों दवाएं बाजार में उपलब्ध होंगी। वैज्ञानिकों का मानना है कि 2022 के अंत तक कोरोनावायरस भी उसी स्थिति में पहुंच जाएगा, जैसे 1918 में स्पेनिश फ्लू और 2009 में स्वाइन फ्लू था। यानी, ये खत्म तो नहीं हुए लेकिन दवाओं की मदद से इससे होने वाली मौतें रोक दी गईं। 2022 में कोरोनावायरस के साथ जिंदगी कैसी होगी, इसे लेकर वैज्ञानिकों ने चार प्रमुख बातें सामने रखी हैं, जो इस प्रकार हैं...

वैज्ञानिकों ने कहा- 2022 के अंत तक कोरोना से मौतें शून्य हो सकती हैं, पर यह सामान्य फ्लू की तरह रहेगा

वैक्सीन के अलावा सैकड़ों कोविडरोधी दवाएं कतार में

1. कोरोना सीजनल बीमारी जैसा होगा, 99% मरीज घर पर ही ठीक हो जाएंगे अगले साल तक 90% देशों की पूरी वयस्क आबादी का वैक्सीनेशन हो जाएगा। 100 से ज्यादा देशों में 80% आबादी बूस्टर डोज भी लगवा चुकी होगी। फिर भी साल में एक-दो बार संक्रमण पीक पर हो सकता है। ज्यादातर देशों में पीक सर्दी में संभव है। लेकिन, इससे मौतें नहीं के बराबर होंगी। नई दवाएं भी अहम होंगी। यह साफ है कि संक्रमण नहीं रुकेगा, लेकिन संक्रमितों को बचाना आसान होगा।

2. दुनिया मास्क फ्री होगी, पर बीमार लोगों के लिए मास्क अनिवार्य रहेगा

जॉन हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के महामारी विशेषज्ञ डॉ. शॉन लव हैं कि वायरस के सीजनल फ्लू में तब्दील होने के बाद दुनिया मास्क फ्री हो सकेगी। कुछ देश मास्क की अनिवार्यता खत्म करना शुरू भी कर चुके हैं। सिर्फ बीमारों को 2-3 हफ्ते मास्क पहनना पड़ेगा। सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत सिर्फ गंभीर संक्रमण वाले इलाकों में होगी।

3. हर साल बूस्टर डोज लगाना दुनिया के कई देशों की मजबूरी बन जाएगी

कोरोना से लड़ने के लिए ज्यादातर देशों ने बूस्टर डोज का रास्ता अपनाया है। सिर्फ वही देश बूस्टर नहीं लगा रहे, जहां आबादी को प्राइमरी दो डोज नहीं लगी हैं। कोरोना का संक्रमण जब-जब फैलेगा बूस्टर डोज उसको गंभीरता को कम रखने में मददगार साबित होंगी। इसलिए अमेरिका, ब्रिटेन, चीन जैसे देशों ने बूस्टर डोज को अनिवार्य कर दिया है।

4. अगले साल हर बच्चा वैक्सीनेट हो सकता है, कोरोना टेस्ट भी सस्ता होगा

100 से ज्यादा देशों में बच्चों का वैक्सीनेशन जारी है। चीन, इजरायल जैसे कुछ देश बच्चों के बूस्टर डोज भी मंजूर कर चुके हैं। लेकिन, भारत समेत ज्यादातर एशियाई देश और अफ्रीका में बच्चों का वैक्सीनेशन नहीं हो रहा। डब्ल्यूएचओ ने उम्मीद जताई है कि 2022 में दुनिया के सभी बच्चे वैक्सीनेट हो जाएंगे। दूसरी ओर, कोरोना की जांच भी सस्ती होगी।

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100 से अधिक वैज्ञानिकों का आकलन • कोरोना अब घातक नहीं

2022 में कोरोना महामारी नहीं रहेगी

भास्कर न्यूज | वॉशिगटन/ लंदन

दुनियाभर में 54 लाख मौतों की वजह बना कोरोनावायरस 2022 के अंत तक सामान्य फ्लू में तब्दील हो सकता है। यह खत्म तो नहीं होगा, लेकिन इससे होने वाली मौतों को लगभग शून्य किया जा सकता है। ओमिक्रॉन वैरिएंट के तेजी से फैलने की खबरों के बीच डब्ल्यूएचओ से जुड़े 100 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने कोरोनावायरस के भविष्य को लेकर एक समग्र रिपोर्ट तैयार की है। इसमें बताया गया है कि कोरोनावायरस को रोकने के लिए 2022 में कई नई दवाएं कारगर साबित होंगी। जैसे शुरुआती दौर में वैक्सीन ने इसकी गंभीरता को कम किया, ठीक वैसी हो भूमिका कोविडरोधी दवाएं निभाएंगी। अगले 3 से 6 महीने में ऐसी सैकड़ों दवाएं बाजार में उपलब्ध होंगी। वैज्ञानिकों का मानना है कि 2022 के अंत तक कोरोनावायरस भी उसी स्थिति में पहुंच जाएगा, जैसे 1918 में स्पेनिश फ्लू और 2009 में स्वाइन फ्लू था। यानी, ये खत्म तो नहीं हुए लेकिन दवाओं की मदद से इससे होने वाली मौतें रोक दी गईं। 2022 में कोरोनावायरस के साथ जिंदगी कैसी होगी, इसे लेकर वैज्ञानिकों ने चार प्रमुख बातें सामने रखी हैं, जो इस प्रकार हैं...