जब लाईलाज थे तब संभल गए, अब टीका है फिर भी फ़िसल गएl कोई दोष नही है महामारी का, दिवाला निकला है समझदारी का। छूट क्या मिली बेपरवाह हो गए, हम खुद ही लापरवाह हो गए। न मास्क पहना न दो गज की दूरी, जिंदगी दांव पर लगा दी पूरी पूरी। अब बढ़े मरीज तो हड़बड़ा रहे है, गलती की है... फिर क्यों पछता रहे है.... समय है, अभी भी चेत जाइए, मास्क पहनिए, दो गज की दूरी बनाइए, स्वयं सुरक्षित रहें और समाज को भी बचाइए। ©SaYeD ImRaN #गमछा