दिल, आँखे और जाम भरे हैं लबालब मिरे वक़्त ने सिखलाया कतरा भी न छलकने देना सीने में जलन, आँखों में तूफ़ान सा क्यों है इस शहर में हर शख्स परेशान सा क्यों है दिल है तो, धड़कने का बहाना कोई ढूंढें पत्थर की तरह बेहिस-ओ-बेजान सा क्यों है सीने में जलन... Movie/Album: गमन (1978) Music By: जयदेव