मुझे यूं कतरा - कतरा तोड़ना बन्द कर, इक बार में खत्म कर दे, जो बचा है थोड़ा बहुत अपने बीच, आज उसे भी दफ्न कर दे, लगने दे बोली भरे बाजार, इस प्यार को भी किसी और के हक कर दे।। devbrat#106#