कह दो कश्तियों से की इश्क़ ना लड़ाए खारे समन्दर में, कुछ मीठे लोग हे जो रखे बैठे है सैलाब अपने अंदर में । ~मनोज खांडे कह दो कश्तियों से की इश्क़ ना लड़ाए खारे समन्दर में, कुछ मीठे लोग हे जो रखे बैठे है सैलाब अपने अंदर में । ~मनोज खांडे