यूं तो सपने, बिखरे से थे मेरे अपने पर तुम्हारे सपने सजाने चला था, मुझे मालूम तो था कि मुश्किल है, फिर भी मोहब्बत में तुम्हें पाने चला था दोस्तों ने, रिश्तेदारों ने खूब समझाया पर तुम्हारे प्यार में कुछ समझ नहीं आया इश्क की राह में इतना आगे बढ़ गया कि पता ही नहीं चला, क्या बुरा क्या भला था मुझे मालूम तो था कि मुश्किल है, पर फिर भी मोहब्बत में तुम्हें पाने चला था यूं तो सपने, बिखरे से थे मेरे अपने पर तुम्हारे सपने सजाने चला था तुम्हें पाने चला था!! #Love #MyStory #DilKiKahaniDilKiZubani