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वो मिले हमसे कुछ यू जैसे बदलो से हवाएं मिला करती ह

वो मिले हमसे कुछ यू जैसे बदलो से हवाएं मिला करती है।
उनसे मिलकर हम रहराए यू जैसे हवाएं चलने पर बालो की लटे लहराया करती है ।
अब तो आलम ये है ना बदलो का साया है ना हवाओ का लहराना दिल ऐसा है जैसे बिना बारिश के बंजर जमीन पर पत्तियों का मुरझा जाना......!!!

©Deep_thought अब तो मिलना जैसे बंजर जमीन पर कोई कली खिलना।।।।

#OurMeetings
वो मिले हमसे कुछ यू जैसे बदलो से हवाएं मिला करती है।
उनसे मिलकर हम रहराए यू जैसे हवाएं चलने पर बालो की लटे लहराया करती है ।
अब तो आलम ये है ना बदलो का साया है ना हवाओ का लहराना दिल ऐसा है जैसे बिना बारिश के बंजर जमीन पर पत्तियों का मुरझा जाना......!!!

©Deep_thought अब तो मिलना जैसे बंजर जमीन पर कोई कली खिलना।।।।

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deepthought9056

Deep_thought

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अब तो मिलना जैसे बंजर जमीन पर कोई कली खिलना।।।। #OurMeetings #Shayari