Nojoto: Largest Storytelling Platform

क्या लिखते हो तुम 'गुलज़ार' पढ़ता हूँ तो दिल को छू ज

क्या लिखते हो तुम 'गुलज़ार'
पढ़ता हूँ तो दिल को छू जाते हो।

अल्फ़ाज़ तो और भी बहुत हैं किताबों में,
जो "दिल" से गुजरे ऐसे ही क्यों लिख जाते हो। 0123
क्या लिखते हो तुम 'गुलज़ार'
पढ़ता हूँ तो दिल को छू जाते हो।

अल्फ़ाज़ तो और भी बहुत हैं किताबों में,
जो "दिल" से गुजरे ऐसे ही क्यों लिख जाते हो। 0123