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तुम एक सीरियल किरदार Ertgrul को अपना मसीहा मानते ह

तुम एक सीरियल किरदार Ertgrul को अपना मसीहा मानते हो। 
तुम्हे इमाम हुसैन अहलेबत् से उल्फत नही।। 
कर्बला की शहादतों पर तुम्हारी आँख नम नही। 
कहीं तुम बिन्ते यजीद की औलादों में से तो नही।। 
कहाँ एक भाई अब्बास ने अपने भाई के बच्चों के लिये खुद को जिवाह कराया। 
कहाँ तुम अपने भाई के बच्चों से नफ़रत करते हो।। 
कहाँ हुसैन ने सब कुछ लुटा दिया। 
कहाँ तुम सबकुछ लूट लेना चाहते हो।। 
कहाँ कासिम, ओउन, अकबर और असगर ने हक़ पर खुद को फिदा कर दिया। 
कहाँ तुम हक़ बात सुनकर अपने कान बन्द कर लेते हो।। 
माना कुफए गद्दार है कैसे मानु तुम उम्मती हो।
मैं हुसैनी हूँ अली की आल हूँ रसूलअल्लाह की रहमतों का मुजाहिद हूँ। 
मैं शहीदे कर्बला अब्दुर्रेहमान अंसारी का बली अहद हूँ।।
मैं मुसलमान हूँ ।।मैं मुसलमान हूँ ।।

©Afzal Mushtaq मोहर्रम
तुम एक सीरियल किरदार Ertgrul को अपना मसीहा मानते हो। 
तुम्हे इमाम हुसैन अहलेबत् से उल्फत नही।। 
कर्बला की शहादतों पर तुम्हारी आँख नम नही। 
कहीं तुम बिन्ते यजीद की औलादों में से तो नही।। 
कहाँ एक भाई अब्बास ने अपने भाई के बच्चों के लिये खुद को जिवाह कराया। 
कहाँ तुम अपने भाई के बच्चों से नफ़रत करते हो।। 
कहाँ हुसैन ने सब कुछ लुटा दिया। 
कहाँ तुम सबकुछ लूट लेना चाहते हो।। 
कहाँ कासिम, ओउन, अकबर और असगर ने हक़ पर खुद को फिदा कर दिया। 
कहाँ तुम हक़ बात सुनकर अपने कान बन्द कर लेते हो।। 
माना कुफए गद्दार है कैसे मानु तुम उम्मती हो।
मैं हुसैनी हूँ अली की आल हूँ रसूलअल्लाह की रहमतों का मुजाहिद हूँ। 
मैं शहीदे कर्बला अब्दुर्रेहमान अंसारी का बली अहद हूँ।।
मैं मुसलमान हूँ ।।मैं मुसलमान हूँ ।।

©Afzal Mushtaq मोहर्रम

मोहर्रम